Hum Kab se pade hain Sharan
Anant Goenka
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Hum Kab se pade hain Sharan
(तर्ज- नफरत की दुनिया को ..)
2. हम कब से पड़े हैं शरण तुम्हारी
सुनलो सांवरिया हम कोई गैर नहीं
नौकर तेरे दरबार के हम हैं
सुनलो सांवरिया हम कोई गैर नहीं
गुजरा हुआ हर पल हमें याद आता है
तेरे सिवा हमको ना कोई भाता है
मेरी लाज तुम्हारे हाथ है
सुनलो सांवरिया हम कोई गैर नहीं ।।
अपनों से सांवरिया परहेज है कैसा
देखा न दुनिया में दिलदार तुम जैसा
हम तेरे आशरे कब से बैठे
सुनलो सांवरिया हम कोई गैर नहीं ।।
बस इतनी तमन्ना है दीदार हो तेरा
कहीं बिखर न जाए श्याम अनमोल प्यार मेरा
अब निर्मोही ना बनो ओम
सुनलो सांवरिया हम कोई गैर नहीं ।।