कलित -ललित -वन -माँ ला
जय जय दैव हरे ॥ध्रुवपदम ||
दिन -मणि -मंडल -मंडान
भाव -खंडन आई
मुनि -जान -मानस -हम्स
जय जय दैव हरे ||1||
कालिय -विष -धार -गंजन
जान -रंजन आई
यदुकुल -नलिन -दिनेश
जय जय दैव हरे ||2||
मधु -मोर -नरक -विनाशन
गरुड़ासन आई
सुर -कुल -कैली -निदान
जय जय दैव हरे ||3||
अमल -कमल -दाल -लोचन
भाव -मोचन आई
त्रिभुवन -भुवन -निधान
जय जय दैव हरे ||4||
जनक -सुत -कडट -भूषन
जित -दूषण आई
समर -शमित -दश -कंठ
जय जय दैव हरे ||5||
अभिनव -जल -धार -सुन्दर
धड -मंदार आई
श्री -मुख -चंद्र -चकोर
जय जय दैव हरे ||6||
ठाव चरणं प्रनत वयं
ईटी भावय आई
कुरु कुशलं प्रणतेषू
जय जय दैव हरे ||7||
श्री -जयदेव -कवर इदं
कुरुते मुदाम आई
मंगलम उज्जवल -गीतं
जय जय दैव हरे ||8||