हारे का तू है सहारा साà¤à¤µà¤°à¥‡
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हारे का तू है सहारा साँवरे
हमने भी तुम को पुकारा साँवरे
नहीं और सहा जाये, हम बोल कहाँ जाये
हारे का तू है सहारा साँवरे
।। अन्तरा ।।
हमें अपनी आँखों से दूर नहीं करना
हम रो पड़ेंगे, मजबूर नहीं करना
अपनों के सताए है, तेरी शरण में आये हैं
हारे का तू है........................।।1।।
हम है कितने हारे, परछाई कह रही है
आँखों से दिल की सच्चाई बह रही है
ये नीर जो बहता है, रो रो के कहता है
हारे का तू है........................।।2।।
चाहे मुझे कुछ भी कहे ये जमाना
‘संजू’ कन्हैया से नाता है पुराना
संतोष यही मन में, तुम हो मेरे जीवन में
हारे का तू है........................।।3।